मास्टर प्लान लागू नहीं करने पर राज्य सरकार को नोटिस

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टेलीकॉम फैक्ट्री भूमि की हरियाली पर विचार करने निर्देश


जबलपुर हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा एवं न्यायाधीश विनय सराफ की युगलपीठ ने उपभोक्ता मंच की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नए मास्टर प्लान को लागू नहीं करने के मामले में राज्य सरकारको नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में जवाब मांगा है. इसके अलावा टेलीकॉम फैक्ट्री की जमीन को ग्रीन बेल्ट में शामिल करने को लेकर सुझाव पर विचार करने के निर्देश भी दिए है. नागरिक उपभोक्ता मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे, एवं रजत भार्गव की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने हाईकोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि 2021 में समाप्त हुए मास्टर प्लान को नए सिरे से बनाने को लेकर राज्य सरकार गंभीर नहीं है. नगर तथा ग्राम निवेश की धारा 18-19 में मास्टर प्लान का प्रावधान दिया है. जबलपुर का पुराना मास्टर प्लान 2021 में समाप्त हो चुका है. 2024 भी समाप्त होने को आ रहा है. फिर भी अभी तक राज्य सरकार ने नया मास्टर प्लान लागू नहीं किया. एडवोकेट दिनेश उपाध्याय ने बताया कि वर्ष 2014 में 62 ग्राम जो कि ग्रामीण क्षेत्र में आते तो उन्हें नगर निगम की सीमा में शामिल किया गया है. ऐसा में समझा जा सकता है कि वो 62 गांव जो कि नगर निगम में शामिल हुए है उनके लिए कोई भी मास्टर प्लान नहीं है. जिसको लेकर नागरिक उपभोक्ता मंच के पीजी नाजपांडे व रजत भार्गव ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि सरकार मास्टर प्लान को लेकर हीला हवाली कर रही है. याचिकाकर्ता ने मास्टर प्लान के साथ-साथ हाईकोर्ट से यह भी मांग की है कि जबलपुर की टेलीकॉम फैक्ट्री जो कि करीब 70 एकड़ में फैली है. फैक्ट्री के बंद होने के बाद यह जमीन जंगल से भरा गया है. यहां पर छोटे-छोटे जीव जंतु सहित कई प्रजाति के पक्षी भी है. बीच शहर में स्थित जंगल की हरियाली देखते ही बनती है. यही कारण है कि लोग सुबह-शाम यहां घूमने आते है. स्थानीय लोगों ने 20 हजार पेड़ों वाले जंगल को बचाने के लिए आंदोलन भी किया. सरकार ने जमीन बेचने की निविदा जारी की तो नागरिक उपभोक्ता मंच ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की. अधिवक्ता याचिका में कहा कि टेलीकॉम फैक्ट्री की जमीन को मास्टर प्लान के ग्रीन बेल्ट में शामिल किया जाए. सरकार की ओर से अतिरिक्त एडवोकेट जनरल ने बताया कि मास्टर प्लान पब्लिश हो चुका है, लोगों से अपत्तियां बुलाई जा रही है. मामलें की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी|

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