सरकारी आंकड़ों को बाजार ने दिखाया आईना……5 साल में 71 प्रतिशत महंगे हुए खाने के सामान
.थोक मंडियों में आटा की न्यूनतम कीमत 2250 से बढक़र 2800 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास पहुंची…
नई दिल्ली । सरकार ने मंगलवार को थोक महंगाई के आंकड़े जारी किए। इसमें कहा गया है कि रोजाना की जरूरत वाला सामान सस्ता होने से अगस्त महीने में थोक महंगाई घटकर 1.31 प्रतिशत पर आ गई है। ये इसके 4 महीने का निचला स्तर है। अप्रैल में ये 1.26 प्रतिशत पर थी। वहीं एक महीने पहले जुलाई में थोक महंगाई घटकर 2.04 प्रतिशत पर आ गई थी। वहीं सरकार के आंकड़ों को बाजार ने आईना दिखाया है। बाजार में आटे के साथ ही अन्य खाद्य सामग्रियों पर महंगाई की मार साफ दिख रही है। .थोक मंडियों में आटा की न्यूनतम कीमत 2250 से बढक़र 2800 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास पहुंच गई है। वहीं दशहरा-दीपावली में बिस्कुट-कुकीज भी महंगे हो जाएंगे।
गौरतलब है कि देश में इन दिनों में बढ़ती महंगाई ने आम आदमी को परेशान कर रखा है। कभी हरी सब्जियों के दाम बढ़ रहे, तो कभी खाने का तेल आलू-प्याज, टमाटर के रेट आसमान छूते नजर आ रहे हैं। ऐसे में अब आम आदमी की रोटी भी महंगी हो सकती है। क्योंकि बीते कुछ दिनों से गेहूं के दामों में तेजी देखी जा रही है। पिछले कई सप्ताह से गेहूं के आटे के दामों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। ये उछाल की गेहूं आपूर्ति प्रभावित होने के चलते देखा जा रहा है। थोक मंडियों में आटा के न्यूनतम भाव में 20 फीसदी तक की बढोत्तरी हुई है। बढ़ते दामों से आम आदमी को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं की स्टॉक लिमिट में संशोधन किया है। दशहरा-दीपावली से पहले आटे के बढ़ते दामों ने आम लोगों की परेशानी को बढ़ा दिया है। थोक मंडियों में आटा की न्यूनतम कीमत 2250 रुपये प्रति क्विंटल से बढक़र 2800 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास पहुंच गई है।
कई समान महंगाई की चपेट में
जिस तरह से महंगाई बढ़ी है उससे आशंका जताई जा रही है कि गेहूं और आटे से बनने वाले सभी प्रोडक्ट जैसे ब्रेड, मफिन, नूडल्स, पास्ता, बिस्किट, केक, कुकीज की कीमतों पर इसका असर दिख सकता है। आटे की बढ़ते रेट पर केंद्र सरकार की ओर से कहा कि देश में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता है। खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने के साथ ही जमाखोरी और सट्टेबाजी रोकने के लिए भारत सरकार ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी चेन वाले खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसर पर लागू होने वाली गेहूं की स्टॉक लिमिट में संशोधन किया है। रबी 2024 के दौरान कुल 1129 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है। सरकार ने सभी गेहूं स्टोरेज संस्थाओं को गेहूं स्टॉक लिमिट पोर्टल पर रजिस्टर करने को कहा गया है। वहीं हर शुक्रवार को स्टॉक की स्थिति को अपडेट करने के निर्देश दिए गए है। केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारी इन स्टॉक लिमिट की निगरानी करेंगे।
5 साल में 71 प्रतिशत महंगे हुए खाने के सामान
देश में पिछले 5 सालों में महंगाई ने अपना नया मुकाम हासिल कर लिया है। जहां 5 साल पहले भोजन की थाली 60 रुपए से बढक़र 110 रुपए तक पहुंच गई है। 5 वर्षों में खाने के सामानों की कीमत 71 प्रतिशत तक बढ़ी है। इसमें आटा, दाल, चावल, तेल की भूमिका सबसे ज्यादा रही है। दाल की कीमतें भी एक माह में 30 रुपए तक बढ़ गई है। वहीं वेतन की स्थिति अभी भी कमजोर है। सरकारी कर्मचारियों का वेतन 37 प्रतिशत तक बढ़ा है, तो वहीं मजदूरी 5 साल में नहीं बढ़ पाई है। वेतन और व्यय के बीच लगातार असमानता बढऩे के कारण परिवारों ने आवश्यक वस्तुओं और लक्जरी सामानों की खरीद में कटौती करना प्रारंभ कर दी है। इसका सबसे ज्यादा असर कपड़ों पर दिखाई दे रहा है। कपड़ों की खरीद में भारी गिरावट दर्ज की गई है। दूसरी ओर पिछले 3 सालों में थाली की लागत में 71 प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है। मासिक वेतन 37 प्रतिशत ही बढ़ा है। वहीं आकस्मिक मजदूरों की मजदूरी में ज्यादा वृद्धि नहीं हुई है।